Not known Details About Shiv chaisa
Not known Details About Shiv chaisa
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
It is made of forty verses (chalisa), composed in the Hindi language. The chalisa is structured within a poetic structure and it is broadly recited by devotees as a method to praise and find blessings from Lord Shiva.
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
नन्दि गणेश more info सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
On Trayodashi (13th day from the dim and vivid fortnights) 1 should really invite a pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. People who quick and pray to Lord Shiva on Trayodashi are generally healthful and prosperous.
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥